धुएं में उड़ा के ज़िन्दगी , कुछ हलकी जो महसूस हुई हो ,
कभी अचानक पड़ जाएगी भारीआपकी यह शान ओ शौकत , समझदारी
एक कश में यह हवा कितनी भी मदहोश हुई हो,
पड़ जाएगी भारी होशोहवास से ये गद्दारी
दो पल का चैन देगी , ये चिमनी चिलमगारी
धुंध हटते ही सामने आएंगे , मंज़र ए द्नियादारीहकीक़त से दूर भागने को , छोटी है ये दुनिया सारी
होश में आओ , तोड़ो नशे की ये यारी .........
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